Phule Box Office Collection Day 6: दर्शको के दिल जीतने वाली बॉलीवुड की दिल छू लेने वाली फिल्म फुले जो एक असल घटना का चित्रण करती है। जिसकी कहानी पर्दे पर काफी पसंद आई है। जिसका निर्देशन डायरेक्टर मे दिल जीतना वाला किया है लेकिन फिल्म मे धूम धड़ाका नहीं है न कोई गाना जिससे इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर नजर डाले तो, इसकी कमाई बेहद कम रही है।
जी हा समाज को संदेश देने वाली फुले जिसने भले ही लोगो को इंप्रेस किया है लेकिन ये सिनेमाघरों दर्शको को लाने मे संघर्ष कर रही है जिससे इसकी टोटल कमाई अभी तक कुछ खास नहीं रही है। दरअसल कल फुले का छठा दिन था जिसकी कमाई निराशाजनक रही है आइए जानते है Phule Day 6 Collection कितना किया है।
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Phule Box Office Collection
अनंत महादेवन के निर्देशन मे बनने वाली फुले जो एक बायोग्राफिकल फिल्म है जिसमे दिखाया गया की कैसे तमाम मुश्किलों के बावजूद ज्योतिराव फुले जी ने पहले अपनी पत्नी सावित्रीबाई को पढ़ाया फिर अन्य लड़कियो को पढ़ाना स्टार्ट किया है जो उस समय लड़कियो के लिए पढ़ना पाप माना जाता था। ऐसे मे ज्योतिवा फूलें ने न केवल लड़कियो को पढ़ाया बल्कि छोटी जाती के लोगो के अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी। जिसे फिल्म मे खूबसूरती के साथ पेश किया गया है। जिसका श्रेय प्रतीक गांधी और पत्रलेखा को भी जाता है जिन्हों ने अपने काम से सिनेमाप्रेमियों को दीवाना बना दिया है वे वाकई अपनी परफॉरर्मेंस से नेशनल अवॉर्ड लेने के लिए हकदार है।
लेकिन इतनी बेहतर तरह से पेश की गई अनंत महादेवन की ये फिल्म कमाई के तौर पर कुछ विशेष नहीं कर पा रही है। फिल्म का अब तक का कलेक्शन बेहद निराशाजनक रहा है जो दिखा रहा है कि, फुले को दर्शको का साथ नहीं मिल पा रहा रहा है। ये सिनेमाघरों की और कम संख्या के साथ लोगो को आकर्षित कर पा रही फुले की टोटल कमाई 5 करोड़ की भी नहीं हुई है।
Phule Box Office Collection Day 6
दरअसल प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म को रिलीज हुए 6 दिनों का समय हो चुका है। ऐसे मे इन 6 दिनों मे फुले ने किसी भी दिन 1 करोड़ को टच नहीं किया है इसका कलेक्शन हर रोज संडे को छोड़कर 50 लाख से नीचा का रहा है। जहा इसके पहले दिन की शुरुआत 15 लाख रही थी।
दूसरे दिन 30 लाख जो और ज्यादा होना चाहिए था क्योकि फिल्म को सभी ने सराहा था तीसरे दिन 60 लाख चौथे दिन फूल ने ने 30 लाख और 5 वे दिन 35 लाख रुपये तो वही कल फुले का छठा दिन जिसकी कमाई 22 लाख की हुई है। जिससे सेकनिल्क के अनुसार फूले ने अपने 6 दिनों से 1.82 करोड़ का ही कलेक्शन किया है।

Phule Box Office Collection Day Wise
Day | Indian Net Collection |
Day 1 | 15 लाख रुपये |
Day 2 | 30 लाख रुपये |
Day 3 | 60 लाख रुपये |
Day 4 | 20 लाख रुपये |
Day 5 | 35 लाख रुपये |
Day 6 | 22 लाख रुपये |
Day 7 | 27 लाख रुपये |
Day 8 | 18 लाख रुपये |
Day 9 | 21 लाख रुपये |
टोटल कमाई | 2.48 करोड़ कमाई |
जिस तरह की कमाई फुले कर रही है उससे लगता है ये 10 करोड़ का कलेक्शन करना इसके लिए काफी मुश्किल होते हुए दिख रहा है।
Phule Box Office Collection Worldwide
ओवरसीज कमाई के आंकड़े उपलब्ध नहीं है।
वर्ल्डवाइड कलेक्शन | – |
Note: ये कलेक्शन सेकनिल्क के अनुसार है।
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फूले मुवी को थियेटर में लगने ही नहीं दिया जा रहा तो कमाई ही कैसे होगी
सिनेमा हॉल वाले इस मुवी को सपोर्ट नहीं
कर रहे यदि कोई ओर जाती की होती
तो सब सिनेमा हॉल में लगती यहां पर भेदभाव बहुत ज्यादा है
सबसे बड़ी समस्या यह रही है इस फिल्म के साथ की बहुत से ज्यादा सिनेमाघरों में मूवी को लगाया नहीं गया है कारण उच्च वर्ग के लोगो द्वारा सुविधाओं पर नियंत्रण करना, और फिल्म को सिनेमाघरों में नहीं चलने दिया जा रहा है
Jab tak jatiwad rahe ga ase hi hota rahe ga sarkar janta ki nahi sunti apni man ki baat sunate h bas
Kashmir file ko to government ne pramotion Kiya public ne pramote Kiya cinema hall ne saport Kiya, us film ka virodh bhi kisi ne nahi kiya.
Fir bhi nhi chali
Phule fir bhi itna virodh hone ke baad bhi thik thak chali
In dono film ke pramotion ko compare karne per government ki mansikta ka pata chalta hai
Aaj Desh me Jo bhi halaat hai uska jimmedar sirf sirf government aur main media hai.
Jis din logo ko ye ahsas hoga usi din se Desh ki tasweer badlna suru ho jayegi.
Sahi kaha bhai aapne हमारे यहां तो मूवी रिलीज ही नहीं हुई है लगी ही नहीं है
भारत में सिनेमा घर किसके पास है ऊंची जाति के पास और वो इस मूवी को लगा नहीं रहे हैं… उनकी सच्चाई सामने आ जायेगी…. धंधा बन्द हो जाएगा…. उनको सब अपने धार्मिक कार्यों में बुलाना छोड़ देंगे…. इसीलिए भारत में पाखंड को बढ़ावा दे रहे जिससे सब हमारी बात माने…… और दलित, पिछड़ा समाज, उनके इशारों पर चलता रहे…. इसीलिए हमारे समाज सुधारक पूर्वजों के बारे में हमको बताया नहीं जा रहा… कैसे उन्होंने इस पाखंडवादी विचार धारा के खिलाफ लड़ाई लड़ी…. बाबा साहब, फूले, पेरियार, शाहू जी, ऐसे लोगों की सच्चाई हमसे छुपाई जा रही है…. और दलित पिछड़ा समाज आज भी सो रहा है



